पूरी दुनिया इन दिनों जानलेवा कोरोना वायरस के खौफ में जी रही है। चीन, अमेरिका, ईरान, इटली, सऊदी अरब में अब तक कई मौतें इस वायरस के प्रकोप के कारण हो चुकी हैं। वैसे तो दुनिया के करीब 110 से ज्यादा देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज हैं और इनकी संख्या रोज बढ़ती जा रही है। अब तक के अध्ययन से पता चला है कि कोरोना वायरस बुजुर्गों को जल्द शिकार बनाता है और अब तक मरने वालों में भी 70 फीसदी से अधिक लोगों की उम्र 60 वर्ष से अधिक है। ऐसे में यह निष्कर्ष निकलता है कि कोरोना वायरस बुजुर्ग लोगों को ज्यादा शिकार बना रहा है। जबकि स्वस्थ व जवान व्यक्तियों में कोरोनो वायरस से मौत का प्रतिशत मात्र 0.9 के लगभग है। हालांकि ये आंकड़े अभी शुरुआती अनुमानों के आधार पर हैं। ऐसे में बुजुर्ग व्यक्ति को कोरोना वायरस के संक्रमण से ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक तरह का वायरस इंफेक्शन है जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र, नाक और गले को प्रभावित करता है।
इस कारण बुजुर्ग बनते हैं कोरोना के शिकार
कोरोना वायरस के कारण बुजुर्गों की सबसे ज्यादा मौत होने का मुख्य कारण यह है कि 50 या 60 साल की उम्र के बाद शरीर का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के चलते कोरोना वायरस आसानी से आक्रमण कर देता है और मौत के जाल में जकड़ लेता है। कोरोना वायरस ऐसे व्यक्ति को जल्द शिकार बनाता है, जो पहले से बीमार हो, कमजोर हो और उसके शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता न हो। चूंकि बुजुर्ग व्यक्तियों में एक उम्र में बाद इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है, इसलिए वे सबसे पहले इसके शिकार बन जाते हैं।
अलग-अलग उम्र में कोरोना से मौत का प्रतिशत
कोरोना वायरस से मौत को लेकर फिलहाल तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं है, लेकिन प्रारंभिक अनुमान व निष्कर्षों से पता चला है कि 80 से अधिक उम्र वाले बुजुर्गों में मौत की दर 14.8 फीसदी तक रही है। वहीं 50 वर्ष तक की आयु में मौत का प्रतिशत 1.3 देखा गया है। वहीं 40 की उम्र में मरने वालों की संख्या 0.4 फीसदी और 10 से 39 वर्ष के लोगों में मरने का प्रतिशत मात्र 0.2 फीसदी ही है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक कैंसर के मरीज को यदि कोरोना वायरस का संक्रमण होता है तो जान जाने का खतरा 350 फीसदी तक बढ़ जाता है। डायबिटीज व हाइपरटेंशन के मामलों में भी संक्रमण का खतरा 60 फीसदी ज्यादा हो जाता है।
अब आसान भाषा में समझें बचाव के उपाय
www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन के अनुसार, कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी है बीमारियों से लड़ने की ताकत बनाए रखना।
बुजुर्गों को कोरोना वायरस से खतरा ज्यादा है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे बचाव नहीं किया जा सकता है। थोड़ी सावधानी रखकर हम इस खतरनाक वायरस से खुद की सुरक्षा कर सकते हैं। चूंकि बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है, इसलिए उन्हें सबसे पहले ऐसी चीजों को अपने खानपान में शामिल करना चाहिए, जो शारीरिक रूप से मजबूती दें। बुजुर्गों को अपनी डाइट में विटामिन सी की मात्रा तत्काल बढ़ा देनी चाहिए, क्योंकि विटामिन सी शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता को तत्काल बढ़ा देता है। इसके अलावा शरीर में मजबूती भी आती है।
विटामिन सी ऐसे करता है शरीर पर असर
विटामिन सी शरीर की तमाम यौगिक क्रियाओं के निर्माण में सहयोग करता है। यह विटामिन शरीर में एक तरह से एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है और शरीर में नई कोशिकाओं के निर्माण करने के साथ उन्हें एकीकृत करके रखने में भी मदद करता है। यही कारण है कि चेहरे पर निखार लाने के लिए महिलाएं नींबू आदि का इस्तेमाल करती है, क्योंकि नींबू में विटामिन सी अत्यधिक पाया जाता है जो चेहरे की कोशिकाएं स्वच्छ व संगठित रखता है और सभी टॉक्सीन को दूर कर देता है। बुजुर्गों में उम्र के साथ शारीरिक लचीलापन ज्यादा आ जाता है। चेहरे पर झुर्रियां आदि दिखाई देने लगती है। इसका कारण विटामिन सी की कमी है। ऐसे में विटामिन सी का सेवन ज्यादा करने से शारीरिक मजबूती आती है और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके अलावा विटामिन सी खाद्य पदार्थों में मौजूद आयरन को सोखने में भी मदद करता है। जिससे शरीर में हीमोग्लोबिन का निर्माण होता है। शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सही होने पर भी स्फूर्ति महसूस होती है।
ज्यादा वसायुक्त भोजन से बचें और फाइबर खूब खाएं
बुजुर्गों को कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए ज्यादा वसायुक्त भोजन से तत्काल परहेज शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा अपने खाने में फाइबर युक्त भोजन जैसे सलाद, मटर, हरी सब्जियां, मेवा आदि का सेवन ज्यादा कर देना चाहिए। खाना खाते समय भी इस बात का ध्यान रहे कि जितना खाना आप खा रहे हैं, उसमें लगभग आधा खाना सलाद आदि ग्रहण करना चाहिए। चूंकि सलाद आदि में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इसलिए उन्हें अच्छी तरह से चबाकर खाना चाहिए। अन्यथा पाचन से संबंधित परेशानी हो सकती है।
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